पारद शिवलिंग के लाभ Can Be Fun For Anyone

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ब्रह्महत्या सहस्त्राणि गौहत्याया: शतानि च।

वरील पद्धतीने रोजची पूजा करू शकता पण पहिल्या दिवशी स्थापन करताना जो पहिला अभिषेक असेल तेव्हा पंचामृताने अभिषेख करावा नंतर ऐं ह्रीं श्रीं ऊं नम: शिवाय: श्रीं ह्रीं ऐं किंवा नमः शिवाय ने १०८ बेल शिव पिंडीवर अर्पित करावा त्यावर प्रत्येक वेळी बेलावर चंदन लावून हा अर्पण करावा थोडा वेळ लागला तरी चालेल. 

दरिद्रता, दुःख, पाप क्या होता है, रोग और शौक क्या होता है अगर पारदेश्वर के दर्शन मात्र से साक्षात् सौभाग्य उदय हो जाता है  

पारद शिवलिंग मानी जाती है. मान्यता है कि ये शिवलिंग महादेव को अति प्रिय है. मान्यता है कि यदि पारद शिवलिंग की रोजाना विधिवत पूजा की जाए तो घर की बीमारियां समाप्त होती हैं और परिवार पर आए संकट दूर हो जाते हैं.

- दूध से अभिषेक करने से पुत्र प्राप्ति होगी। प्रमेह रोग की शांति तथा मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

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पारद शिवलिंग ज्या घरात असेल तेथे अकाल मृत्यू चे भय राहत नाही.

इस शिवलिंग की धातु के गुणकारी तत्वों के द्वारा शरीर में उपस्थित सभी प्रकार के रोग, विकार, द्वेष आदि में लाभ मिलता है।

यदि आपके घर में शिवलिंग है, तो इसके नियम जानकर उनका पालन जरूर करें, तभी आपकी पूजा फलित हो पाएगी.

आपको बता दें कि सनातन परंपरा में भगवान शिव की पूजा करना काफी शुभ माना जाता है। इसी के साथ सोमवार के दिन भगवान शिव की साधना के लिए समर्पित होता है। ऐसा माना जाता है कि जो भी जातक भगवान शिव की पूजा करता है उस पर भगवान की विशेष कृपा उस पर बनती है। इसके अलावा सभी शिवलिंग की पूजा में पारद शिवलिंग की पूजा करना बेहद website महत्वपूर्ण और शुभ माना जाता है।

पारद शिवलिंग की दिशा और अपनी अन्य समस्याओं का समाधान जानने के लिए इंस्टाएस्ट्रो के ज्योतिषी से बात कर सकते हैं। यह आपकी परेशानियों का सटीक समाधान देंगे।

- गन्ने के रस से अभिषेक करने पर लक्ष्मी की प्राप्ति होती है।

पारद भगवान शिव की प्रिय धातु है और यह पारे और चांदी से निर्मित है। पारे को विशेष प्रक्रियाओं द्वारा शुद्ध कर के ठोस आकार दिया जाता है। यह बहुत जटिल प्रक्रिया है, क्योंकि पारे से कोई ठोस पदार्थ बनाना बहुत मुश्किल है। पारद शिवलिंग में स्वयं भगवान शिव का वास है और जहां पारद शिवलिंग होता है वहां भगवान शिव साक्षात विराजमान रहते हैं।

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